ग्रामीण डाक सेवकों ने 412 करोड़ रुपए घर-घर पहुंचाए, इंडिया पोस्ट ने बनाया रिकॉर्ड

ग्रामीण डाक सेवकों ने 412 करोड़ रुपए घर-घर पहुंचाए इंडिया पोस्ट ने बनाया रिकॉर्ड

लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण डाक सेवकों ने बेहद कमाल का काम किया है। गांवों और दूरदराज के इलाकों में पोस्टऑफिस ने IPPB AEPS सुविधा के जरिए लोगों तक 412 करोड़ रुपये की रकम पहुंचाई है !



कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भारतीय डाक ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। 24 मार्च से लेकर 23 अप्रैल के बीच देशभर मैं कार्यरत ग्रामीण डाक सेवकों डाकघरों के नेटवर्क के माध्यम से खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को 412 करोड़ रुपये की नकदी दी है।



भारतीय डाक के सेक्रटरी प्रदीप्ता कुमार बिसोई ने बताया, 'यह इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के AEPS फैसिलिटी के कारण संभव हुआ, जिसके तहत किसी का किसी भी बैंक में खाता है तो वह डाकिये, ग्रामीण डाक सेवक के जरिए पैसे अपने घर तक मंगा सकता है। इसके लिए पोस्ट ऑफिस में बचत खाते की जरूरत नहीं होती।'



ग्रामीण डाक सेवक लोगों के घर तक ला रहा बैंक
बिसोई ने बताया, 'लोगों तक डोरस्टेप बैंकिंग फैसिलिटी मुहैया कराने के काम में लगभग एक लाख से ज्यादा ग्रामीण डाक सेवक कार्यरत हैं।' लोग IPPB ऐप या डाकघर के जरिए इलेक्ट्रिसिटी बिल, वाटर बिल, डीटीएच रिचार्ज तथा किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं।


इन्हें मिलेगी सुविधा
इस सुविधा से पेंशनर्स, दिव्यांगों, महिलाओं तथा गरीबों को पैसे निकालने के लिए अपने गांव से दूर बैंक की शाखा तक जाने की जरूरत नहीं है। पोस्टऑफिस का आदमी आपके पास आएगा और एईपीएस सुविधा के जरिए आपको रकम आसानी से मिल जाएगी।


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